देश में अब बैंकिंग का तरीका बदल रहा है और इसमें एक बड़ा हाथ है फिनटेक या फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों का। ये कंपनियां अपने इनोवेशन की वजह से देश के कोने-कोने में बैंकिंग सर्विस पहुंचाने में मददगार रही हैं।
यही वजह है कि अब बैंक इन्हें अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि पार्टनर मानने लगे हैं।
अगर आप रेडियो टैक्सी का किराया चुकाने या रेस्टोरेंट का बिल चुकाने के लिए पेमेंट नहीं पेटीएम
करते हैं तो आप देश में फिनटेक रिवॉल्यूशन का हिस्सा बन चुके हैं। इस रिवॉल्यूशन ने ना सिर्फ हमारे और आपके लिए अपने पास कैश रखने की जरूरत खत्म कर दी है बल्कि बैंकिंग सर्विस का रूप भी बदल कर रख दिया है। अगर एक के बाद एक बैंक अपनी मोबाइल वॉलेट सर्विस लॉन्च कर रहे हैं तो वो इन्हीं फिनटेक कंपनियों की वजह से है। यही वजह है कि अब बैंक इन फिनटेक कंपनियों को अपने साथ ला रहे हैं।
ये फिनटेक स्टार्टअप बैंकों के लिए पेमेंट, कैश ट्रांसफर जैसी सर्विसेज में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। साथ ही देश के दूर-दराज के इलाकों में ये बैंकिंग सर्विसेज को ले जा रहे हैं। देश में आज पेटीएम, मोबीविक और फ्रीरिचर्ज जैसी कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं और बैंकों का साथ मिलने से छोटी कंपनियों को भी अपने नए आइडिया पर काम करने का मौका मिल रहा है।
केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त देश में फिनटेक सेक्टर का कारोबार 33 अरब डॉलर का है जो 2020 तक 73 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। सरकार की कोशिश भी देश की इकोनॉमी को कैशलेस बनाने की है, ऐसे में फिनटेक कंपनियों की भूमिका आने वाले दिनों में और भी बड़ी होने जा रही है।
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Thursday, 21 July 2016
FINTECH Banks aur Banks Ke baare mein
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