Followers

Wednesday, 5 July 2017

IAS PCS ki taiyari kaise kare

क्या-क्या कहते हैं जमाने के लोग
जब कदम बढाते हैं आप सिविल सर्विस की तैयारी के लिए।
देखिए एक नमूना.......
.. कलेक्टर बनना मुश्किल ही नही, नामुमकिन है।
(पड़ोसी)
.
.
.
.
.
.
. तेवारी का लडका कोचिंग पोचिंग सब किया था
10 साल दिल्ली में रहकर पढा

कुछौ नही हुआ..... खाली हाथ लौटकर आवा... अब चौराहे पर मोबाईल रिचार्ज की दुकान चलाता है।
. (गांव वाले)
.
.
.
.
.
.
.
एतना साल तक गांव में रहत हो गइल....... कबहुं सुने हो कि गांव में अगल बगल केहु का लरका लरकी कलेक्टर बना है
.
.
.
.
.
. बडे़ बडे़ नही कुछ उखाड़ पाये अब तुम उखाड़ के दिखाओगे
उखाडो...... देखते हैं तुम्हरा भी जोर बल
(छोटी नौकरी की तलाश वाले)
.
.
.
.
.
.
इहां ग्रूप थर्ड में तो नौकरी मिल ही नही रहा है और ई ससुर कलेक्टर बनने का ख्वाब देख रहे हैं।
.
.
.
.
.
.
. का कहे रहे हो.... हिन्दी मीडियम से तैयारी करोगे
तब तो बस भूल ही जाओ........... कुछौ न होगा।
.
.
.
.
.
.
जहां पहुंच और शिफारिश हैं। उहां तो रूपिया पइसा देय से भी कुछ ना होई रहा और ऊ कह रहा है कि हम कलेकटरै बनब
(रिश्तेदार)
.
.
.
.
.
.
. न खेत न बारी..... कलेक्टर बनै का इंतजारी
सच बतायें तो....... भइया शिरिफ रुपिया की बर्बादी है।
.
.
.
.

.
. बरा बरा शहर में जाके....... लरका लरकी खराब होई जात हैं
बहुत देखें हैं भइया...... दिल्ली बंबई में शहरी कल्चर
.
.
.
.
.
.
. कोचिंग वाले सब चूतिया बनाते हैं। कुछ नही पढाते हैं सब धंधा बिजनेस है। बच्चों को लूट कर लावारिस छोड़ देते हैं।............ सेलेक्शन , घंटा करवाते हैं।
सेलेक्शन के बारे में तो भूल ही जाओ।
(साथी - दोस्त )
.
.
.
.
.
.
.हमारी बात मानो तो भाई SSC, Railway, Bank की तैयारी करो जल्दी नौकरी मिल जाएगी।
हम तो 7 साल से IAS /PCS दे रहे हैं
अबे तक कुछौ न हुआ
(सीनियर्स)
.
.
.
.
.
.
.
. फलां-फलां आप्शनल सब्जेक्ट ले लो। बहुत नंबर मिलता है।
जल्दी कलेक्टर बन जाओगे
हमारे यहां से पढो.......... फीस कम करा देंगे।
( कोचिंग वाले)
.
.
.
.
.
.
.
.
लौंडा, पढ़ाई तो खूब कर रहा है
देखते हैं प्री पास हो जाएगा कि नही
प्री परीक्षा पास हो जाने पर
अरे तुक्के से पास हो गया
मेंस पास करके दिखाये तो...... जाने
(रूम पार्टनर )
.
.
.
.
.
.
.
. अब बहुत कंपटीशन है भाई इस फील्ड में
IIT, IIM, AIIMS वाले सब इधर ही हांथ पांव मार रहे हैं।
हम तो कहेंगे कि - पहले छोटी मोटी नौकरी हांथ में ले लो
तब कलेक्टरी के बारे में सोंचना
( एक दो बार प्री दे चुके कैंडिडेट)
.
.
.
.
.
. बहुत किताब पढना पडता है। 16 घंटे रोज पढोगे
तब कलेक्टर बन पाओगे। इतनी बड़ी और भारी भरकम परीक्षा में सफल होने के लिए 2-4 घंटे में कुछ नही होगा।
(टापर्स के कथन)
.
.
.
.
.
. और क्या चल रहा है? तैयारी ठीकठाक हो गई है। कहीं हो रहा है कि नही? मतलब होने का चांस है कि नही
(घर जाने पर पड़ोसी)
.
.
.
.
.
.
. इस बार पेपर कैसा हुआ? सुना है प्री में बहुत कठिन प्रश्न पूंछा था। (मोहल्ले के यार दोस्त)
.
.
.
.
.
.
.
.
.तुम्हारे पीछे लाखों रुपिया फूंक दिये। ऊहां दिल्ली में मस्तीबाजी कर रहे हो। हम और नही पढा सकते हैं । बोरिया बिस्तर बांधों और इहां आके खेतीबाड़ी में मदद करो। नाहि त ब्याह शादी कर दें। कौनो काम धंधा करो। हमे और बच्चों का भविष्य भी देखना है। तुम्हरे पीछे परिवार को भूखों नही मारना है। ( गुस्सैल बाप)
.
.
.
.
.
. तैयारी करो बेटा.......... देखा जाएगा
जब तक जान है। कसर नही छोडेंगे
चाहे खेत बाडी सब बिक जाये
छोटी सी नौकरी में जो कुछ हो सकता है सब करेंगे।
जो भी रूपिया पैसा की जरूरत हो...... बताना
हमेशा पढते ही मत रहना
तबियत का भी ख्याल रखना।
इस बार न सही, अगली बार सही
बस निराश मत होना,
(सामान्य मा बाप /भाई बहन)
.
.
.
.
.
.
. - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
इन सभी कथनो से आपका सामना होगा। जब आप सिविल सर्विस की तैयारी करेंगे। यदि इनसे विचलित हो गये तो डूब जाओगे। लेकिन अगर तैरते रहे........ धाराओं के प्रतिकूल भी तो दरिया पार कर जाओगे।। और दरिया पार कर जाने पर सब कहेंगे कि -
. - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
.
.
.
.
. फलाने का लडका बहुत मेहनती था भाई । आखिरकार कलेक्टर बनकर ही दम लिया।
सोंच रहे हैं कि............ हम भी अपने बचवा को आई ए एस की तैयारी करवाते हैं। जब उनका लडका कर सकता है तो हमारा क्यों नही कर सकता?
.
.
कुछ समझे कि नही..........

No comments:

Post a Comment

write it