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Tuesday, 26 July 2016

TAX KAISE BACHAYE

इनकम टैक्स, केन्द्र सरकार का एक ऐसा टैक्स है जिसे देश भर में सिर्फ 3 प्रतिशत लोग ही चुकाते हैं। आयकर रिटर्न दाखिल करना काफी कठिन माना जाता है। ज्यादातर लोग आखिरी वक्त में ही टैक्स भरते हैं। वित्तीय वर्ष 2015-16 में सालाना ढाई लाख रुपए तक की आय को कर मुक्त रखा गया है। मतलब अगर आप साल भर में इतना कमाते हैं तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। ढाई लाख से पांच लाख रुपए तक की आय पर 10 प्रतिशत कर लगता है। मतलब अगर आपकी आय 5 लाख है तो बिना किसी छूट का दावा किए आपको 25,000 रुपए बतौर आयकर चुकाने होंगे। 5 लाख से 10 लाख की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से ज्यादा की आय पर 30 प्रतिशत कर वसूला जाता है। लेकिन अगर आप थोड़ी समझदारी दिखाएं तो यह टैक्स बचा सकते हैं।

कम से कम 10 लाख रुपए तक की आय पर आयकर विभाग के विभिन्न प्रावधानों का फायदा उठाकर टैक्स में कटौती का दावा किया जा सकता है। आयकर का यह फंडा बेहद आसान है। अगर आपकी आय 10 लाख रुपए है, तो आप नीचे बताए गए तरीकों का इस्तेमाल कर अपना टैक्स बचा सकते हैं। ज्यादातर टैक्स बचाने वाले प्रावधान निवेश से जुड़े हुए हैं, ऐसे में अगर आपको निवेश करना पसंद है तो यह आपके टैक्स बचाने और भविष्य को मजबूत बनाने में भी काम आएगा। आइए जानते हैं कि 10 लाख रुपए तक की आय पर आप कैसे टैक्स को शून्य पर ला सकते हैं:

1. ढाई लाख रुपए तक की आय को आयकर से छूट मिली हुई है।

2. आप सेक्शन 80C के तहत डेढ़ लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। इस धारा के अनुसार कई निवेशों जैसे- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), टैक्स सेविंग इक्विटी म्युचुअल फंड्स और टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए टैक्स बचाया जा सकता है। आप इस धारा के तहत होम लोन के मूल धन पर किए गए भुगतान को टैक्स छूट के दायरे में लाने का दावा कर सकते हैं।

3. अगर आपने होम लोन ले रखा है तो आप ब्याज के भुगतान पर दो लाख रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। या फिर अगर आपकी कंपनी आपको हाउस रेंट अलाउंस (HRA) देती है तो भी आप कटौती का दावा करते सकते हैं। HRA के लिए इन तीन में न्यूनतम का दावा किया जा सकता है:
a) नियोक्ता द्वारा दिया गया HRA
b) आपके द्वारा दिया जाने वाला वास्तविक किराए में बेसिक सैलरी का 10 प्रतिशत घटाने के बाद बची राशि
c) मेट्रो में रहने पर सैलरी का 50 प्रतिशत, गैर-मेट्रो शहरों में रहने पर वेतन का 40 प्रतिशत
अगर आप रोजगार की वजह से किसी दूसरे शहर में रहते हैं तो आप HRA और होम लोन, दोनों पर कटौती का दावा कर सकते हैं।

4. आप सेक्शन 80CCD के तहत नेशनल पेंशन स्कीम में किए गए निवेश पर 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त कटौती का दावा कर सकते हैं। इस धारा में सरकार द्वारा बनाई गए पेंशन प्लान्स के आधार पर कटौती का प्रावधान है।

5. 80CCD(2) के तहत, आपकी बेसिक सैलरी के 10 प्रतिशत तक पर नियोक्ता द्वारा NPS में योगदान को टैक्स से छूट मिली हुई है।

6. आप मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर प्रति वर्ष 25,000 रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके अलावा, पेरेंट्स के लिए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान पर अतिरिक्त 30,000 रुपए की छूट का दावा किया जा सकता है।

7. राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम (RGESS) में 50,000 रुपए तक के निवेश के लिए आपको 25,000 रुपए की कटौती मिल सकती है। 12 लाख से कम आय वाले नए निवेशकर्ता इस योजना में निवेश कर सकते हैं।

8. अगर आपकी सैलरी में भत्ते शामिल हैं, तो कुछ भत्तों पर आप कर कटौती का दावा कर सकते हैं। आप मेडिकल अलाउसं पर 15,000 रुपए तक की कटौती ले सकते हैं।2,200 रुपए तक की कीमत वाले फूड कूपंस को भी कर से छूट मिली हुई है। कुछ भत्ते जैसे पत्रिकाओं और वर्दी की वास्तविक कीमत पर भी कटौती का दावा किया जा सकता है।

9. नियोक्ता से मिलने वाले 5,000 रुपए तक के तोहफे पर कर नहीं लगता।

10. आप प्रतिमाह 1,600 रुपए के यातायात भत्ते पर दावा कर सकते हैं। साल भर में इस तरह 19,200 रुपए पर टैक्स बचाया जा सकता है।

11. आप अपने बच्चों की शिक्षा पर प्रति माह 100 रुपए प्रति बच्चा के हिसाब से कटौती का दावा कर सकते हैं। इसके अलावा हर बच्चे की हॉस्टल फीस के लिए हर महीने 300 रुपए की छूट का दावा किया जा सकता है।

12. अगर आपकी आय 5 लाख से कम है, तो आपको कुछ टैक्स पर 5,000 रुपए तक की कर छूट मिलती है।

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